Table of contents for Short Inspirational Stories In Hindi
- चतुर खरगोश और चालाक लोमड़ी (Clever Rabbit and Cunning Fox From the collection of Short Inspirational Stories in Hindi)
- कहानी 2: मेहनती चींटी और आलसी टिड्डा (Lazy Grasshopper and hard working ants story From the collection of Short Inspirational Stories in Hindi)
- Inspirational Story 3: विश्वास का फल
- Inspirational Story 4: कछुए की समझदारी
- Inspirational Story 5: राजा और गरीब बढ़ई
- Inspirational Story 6: नन्हा पंछी और विशाल पेड़
- Inspirational Story 7: बुद्धिमान गधा
- Inspirational Story 8: सच्चा मित्र
- Inspirational Story 9: ईमानदार लकड़हारा
- Inspirational Story 10: सुनहरे अंडे देने वाली मुर्गी
- Inspirational Story 11: नन्हीं मछली की बड़ी सोच
- Inspirational Story 12: दो दोस्तों का सफर
- Inspirational Story 13: किसान का सपना
- Inspirational Story 14: ईमानदार लड़का
- Inspirational Story 15: सच्ची दोस्ती
- Inspirational Story16: मेहनत का फल
Estimated reading time: 16 minutes
चतुर खरगोश और चालाक लोमड़ी (Clever Rabbit and Cunning Fox From the collection of Short Inspirational Stories in Hindi)
एक घने जंगल में, बहुत सारे जानवर रहते थे। उनमें से एक खरगोश और एक लोमड़ी थे। लोमड़ी बहुत चालाक थी और हमेशा कमजोर जानवरों को परेशान करती थी। एक दिन, लोमड़ी ने खरगोश को पकड़ने का मन बनाया।
खरगोश ने लोमड़ी की योजना को भांप लिया और उसने एक चाल सोची। उसने एक गड्ढे के पास जाकर वहाँ जाल बिछा दिया और उसके ऊपर पत्ते और मिट्टी डाल दी। फिर उसने लोमड़ी को अपने पास बुलाया और कहा, “लोमड़ी बहन, तुम्हारे लिए एक बड़ा सरप्राइज है। अगर तुम इस रास्ते पर चलोगी, तो तुम्हें कुछ अनमोल मिलेगा।”
लोमड़ी, लालच में आकर, उस रास्ते पर चल पड़ी। जैसे ही उसने पहला कदम रखा, वह गड्ढे में गिर गई और फंस गई। खरगोश ने हँसते हुए कहा, “लोमड़ी बहन, यह तुम्हारे लिए सबक है कि हमेशा ईमानदारी और दया से काम लेना चाहिए।”
लोमड़ी ने अपनी गलती मानी और खरगोश से माफी मांगी। इसके बाद लोमड़ी ने कभी भी किसी को परेशान नहीं किया और जंगल में सभी जानवर खुशी से रहने लगे।
कहानी 2: मेहनती चींटी और आलसी टिड्डा (Lazy Grasshopper and hard working ants story From the collection of Short Inspirational Stories in Hindi)
गर्मियों के दिनों में, चींटी दिन-रात मेहनत कर रही थी और अपने घर के लिए भोजन जमा कर रही थी। वहीं, टिड्डा धूप में आराम कर रहा था, गाना गा रहा था और नाच रहा था। चींटी ने टिड्डे को देखा और कहा, “टिड्डा भाई, तुम भी कुछ भोजन जमा कर लो। सर्दी आने वाली है।”
लेकिन टिड्डा ने चींटी की बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया और कहा, “सर्दी अभी दूर है, मैं बाद में सोचूँगा।”
समय बीता और सर्दी आ गई। चींटी के पास पर्याप्त भोजन था और वह आराम से अपने घर में बैठी थी। वहीं, टिड्डा भूख से तड़प रहा था और ठंड में काँप रहा था। टिड्डा चींटी के पास गया और मदद की भीख माँगी।
चींटी ने टिड्डे को अपने घर में बुलाया, उसे खाना दिया और कहा, “टिड्डा भाई, मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। अगर तुमने भी गर्मियों में मेहनत की होती, तो आज यह हाल नहीं होता।”
टिड्डा ने चींटी की बात समझी और वादा किया कि वह अगली बार मेहनत करेगा।
Inspirational Story 3: विश्वास का फल
एक गाँव में एक किसान रहता था जिसका नाम रामू था। रामू के पास एक छोटा सा खेत था और वह कड़ी मेहनत करके अपनी फसल उगाता था। एक दिन, उसके गाँव में एक साधु आए और गाँववालों से कहा कि वे भगवान पर विश्वास रखें और सच्चे मन से प्रार्थना करें।
रामू ने साधु की बात सुनी और भगवान पर विश्वास करते हुए प्रार्थना करना शुरू किया। एक दिन, तेज बारिश हुई और रामू की सारी फसल बर्बाद हो गई। गाँववाले रामू का मज़ाक उड़ाने लगे और बोले, “तुम्हारे भगवान ने तुम्हें क्यों नहीं बचाया?”
रामू ने शांतिपूर्वक उत्तर दिया, “भगवान ने मुझे सिखाया कि हमें हमेशा मेहनत और विश्वास करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि कुछ अच्छा होगा।”
कुछ दिन बाद, एक व्यापारी रामू के गाँव आया और रामू की जमीन खरीदने की पेशकश की। रामू ने जमीन बेच दी और अच्छे पैसे कमाए। उसने उन पैसों से एक बड़ा खेत खरीदा और मेहनत से उसे फसल से भर दिया।
गाँववाले रामू की सफलता देखकर दंग रह गए और उन्होंने भी भगवान पर विश्वास करना शुरू कर दिया। रामू की कहानी ने सबको सिखाया कि सच्चे मन से विश्वास और मेहनत करने वालों को भगवान कभी निराश नहीं करते।
Inspirational Story 4: कछुए की समझदारी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक नदी बहती थी। उस नदी के किनारे एक कछुआ और एक हिरण रहते थे। हिरण बहुत तेज दौड़ सकता था और उसे अपनी गति पर बहुत गर्व था। वहीं, कछुआ बहुत धीमा चलता था लेकिन वह बहुत समझदार था।
एक दिन, हिरण ने कछुए को चिढ़ाते हुए कहा, “तुम बहुत धीमे हो, कछुए भाई। क्या तुम मेरे साथ दौड़ लगाओगे?”
कछुआ मुस्कुराया और बोला, “ठीक है, हिरण भाई। चलो दौड़ लगाते हैं।” दोनों ने दौड़ शुरू की और हिरण तेजी से भागने लगा। कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।
थोड़ी देर बाद, हिरण ने सोचा कि कछुआ तो बहुत पीछे रह गया होगा। उसने आराम करने के लिए कुछ समय के लिए झपकी ले ली। वहीं, कछुआ बिना रुके धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा और अंत में जीत की रेखा को पार कर गया।
जब हिरण जागा, उसने देखा कि कछुआ पहले ही जीत चुका है। उसने अपनी गलती समझी और कहा, “कछुए भाई, मैंने अपनी गति पर घमंड किया और तुम्हारी समझदारी को कम आँका।”
कछुआ बोला, “हिरण भाई, गति से ज्यादा महत्वपूर्ण धैर्य और निरंतरता है। हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास करना चाहिए।”
इस प्रकार, हिरण ने कछुए से एक महत्वपूर्ण सीख ली और दोनों अच्छे मित्र बन गए।
Inspirational Story 5: राजा और गरीब बढ़ई
एक समय की बात है, एक राजा अपने राज्य में घूम रहा था। उसने देखा कि एक गरीब बढ़ई अपने छोटे से घर में मेहनत कर रहा था। राजा ने बढ़ई से पूछा, “तुम इतना मेहनत क्यों करते हो? तुम्हें क्या मिल रहा है?”
बढ़ई ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “महाराज, मुझे अपने काम में खुशी मिलती है। मैं जो कुछ भी बनाता हूँ, उसमें मेरा दिल और आत्मा होती है। मुझे अपने काम पर गर्व है।”
राजा ने बढ़ई की बात सुनी और उससे प्रभावित हुआ। उसने बढ़ई से कहा, “तुम्हारी मेहनत और संतोष देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं तुम्हें अपने महल में काम करने के लिए बुलाता हूँ। तुम यहाँ के लिए भी कुछ सुंदर बनाओ।”
बढ़ई ने राजा का प्रस्ताव स्वीकार किया और महल में काम करने लगा। उसकी मेहनत और कला ने महल को और भी सुंदर बना दिया। राजा ने उसे उचित सम्मान और पुरस्कार दिए।
बढ़ई ने अपने जीवन में सफलता पाई और उसने राजा को सिखाया कि सच्ची खुशी और संतोष मेहनत और अपने काम से प्यार करने में है। राजा ने भी यह सीखा कि सभी का सम्मान करना चाहिए और हर व्यक्ति की मेहनत को सराहना चाहिए।
इस प्रकार, बढ़ई की कहानी ने सभी को प्रेरित किया कि मेहनत और संतोष से जीवन में सफलता और खुशी पाई जा सकती है।
Inspirational Story 6: नन्हा पंछी और विशाल पेड़
एक बार की बात है, एक विशाल पेड़ के ऊँचे डाल पर एक नन्हा पंछी रहता था। पंछी का नाम मुनिया था। मुनिया बहुत खुश थी, लेकिन उसे उड़ने का डर था। वह अपनी डाल से नीचे झाँकती और सोचती कि अगर वह उड़ने की कोशिश करेगी तो गिर जाएगी।
एक दिन, एक तूफान आया और पेड़ जोर-जोर से हिलने लगा। मुनिया को डर लगने लगा कि कहीं उसकी डाल टूट न जाए। अचानक, तेज हवा के झोंके ने मुनिया को उसकी डाल से उड़ा दिया। वह हवा में लहराने लगी और अपनी पंखों को फैलाकर संतुलन बनाने की कोशिश की।
मुनिया ने देखा कि उसके पंख उसे सहारा दे रहे थे। धीरे-धीरे, उसने उड़ने का तरीका समझ लिया और वह हवा में उड़ान भरने लगी। उसने देखा कि दुनिया कितनी सुंदर थी और वह कितनी ऊँचाई पर उड़ सकती थी। मुनिया को एहसास हुआ कि अगर वह अपने डर को नहीं छोड़ती, तो वह कभी भी उड़ने का आनंद नहीं ले पाती।
तूफान के थमने के बाद, मुनिया ने पेड़ पर लौटकर बाकी पंछियों को अपनी कहानी सुनाई। सबने उसकी बहादुरी की सराहना की और मुनिया ने सीखा कि कभी-कभी हमें अपने डर का सामना करना पड़ता है ताकि हम अपनी सच्ची क्षमता को जान सकें।
Inspirational Story 7: बुद्धिमान गधा
एक गाँव में एक किसान रहता था जिसका नाम गोपाल था। गोपाल के पास एक गधा था जिसका नाम बल्लू था। बल्लू दिखने में साधारण था, लेकिन वह बहुत बुद्धिमान था। एक दिन, गोपाल ने बल्लू को बाजार ले जाने का फैसला किया ताकि वह वहाँ कुछ सामान बेच सके।
रास्ते में, गोपाल ने देखा कि एक बड़ा गड्ढा है जिसे पार करना मुश्किल था। उसने सोचा कि बल्लू कैसे इस गड्ढे को पार करेगा। बल्लू ने अपने मालिक की चिंता देखी और खुद ही रास्ता खोजने लगा। उसने आसपास के पत्थरों को देखा और उन्हें गड्ढे में फेंकने लगा। गोपाल ने बल्लू की समझदारी देखी और उसकी मदद करने लगा।
थोड़ी देर में, उन्होंने गड्ढे को पत्थरों से भर दिया और बल्लू ने आसानी से गड्ढे को पार कर लिया। गोपाल ने बल्लू की बुद्धिमानी की तारीफ की और गाँव लौटते समय उसने सभी को यह कहानी सुनाई।
गाँव के लोग बल्लू की बुद्धिमानी से प्रभावित हुए और सीखा कि समस्या चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, बुद्धिमानी और धैर्य से उसका समाधान हो सकता है।
Inspirational Story 8: सच्चा मित्र
एक बार की बात है, जंगल में दो मित्र रहते थे – मोहन और सोहन। मोहन एक खरगोश था और सोहन एक कछुआ। दोनों अच्छे मित्र थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।
एक दिन, मोहन को एक शिकारी ने पकड़ लिया और एक पिंजरे में बंद कर दिया। मोहन ने मदद के लिए आवाज लगाई, लेकिन जंगल के सभी जानवर डर गए और कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया। तभी सोहन, अपने धीमे कदमों से चलते हुए आया। उसने देखा कि उसका मित्र मुसीबत में है और उसने मोहन को बचाने की योजना बनाई।
सोहन ने पिंजरे के चारों ओर चक्कर लगाया और देखा कि पिंजरे का एक कोना कमजोर था। उसने अपनी मजबूत चोंच का उपयोग करके उस कोने को काटना शुरू किया। थोड़ी देर में, सोहन ने पिंजरे का कोना काट दिया और मोहन बाहर निकल आया। मोहन ने सोहन का धन्यवाद किया और दोनों मित्र फिर से खुशी-खुशी जंगल में घूमने लगे।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा मित्र वही होता है जो मुश्किल समय में हमारी मदद करता है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
Inspirational Story 9: ईमानदार लकड़हारा
एक गाँव में एक ईमानदार लकड़हारा रहता था जिसका नाम हरि था। हरि अपनी मेहनत से जंगल से लकड़ी काटकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन, जब वह पेड़ काट रहा था, उसकी कुल्हाड़ी गलती से नदी में गिर गई। हरि बहुत दुखी हो गया क्योंकि उसके पास और कोई कुल्हाड़ी नहीं थी।
हरि ने नदी के किनारे बैठकर भगवान से प्रार्थना की। तभी, जलदेवता प्रकट हुए और उन्होंने हरि से पूछा, “तुम क्यों दुखी हो, हरि?” हरि ने उन्हें अपनी कुल्हाड़ी के गिरने की बात बताई।
जलदेवता ने नदी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए। उन्होंने हरि से पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” हरि ने ईमानदारी से उत्तर दिया, “नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”
फिर जलदेवता ने दूसरी डुबकी लगाई और इस बार चाँदी की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए। उन्होंने फिर से पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” हरि ने फिर से कहा, “नहीं, यह भी मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”
अंत में, जलदेवता ने तीसरी डुबकी लगाई और हरि की लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आए। उन्होंने पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” हरि ने खुशी-खुशी कहा, “हाँ, यह मेरी कुल्हाड़ी है।”
हरि की ईमानदारी से प्रभावित होकर, जलदेवता ने उसे सोने और चाँदी की कुल्हाड़ी भी उपहार स्वरूप दे दीं। हरि ने जलदेवता का धन्यवाद किया और खुशी-खुशी घर लौट आया। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है और भगवान सच्चे और ईमानदार लोगों की मदद करते हैं।
Inspirational Story 10: सुनहरे अंडे देने वाली मुर्गी
एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। एक दिन, उसे एक मुर्गी मिली जो सुनहरे अंडे देती थी। किसान बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि अब उसकी गरीबी दूर हो जाएगी।
हर दिन मुर्गी एक सुनहरा अंडा देती और किसान उसे बेचकर अच्छे पैसे कमाता। धीरे-धीरे, किसान अमीर हो गया और उसकी जिंदगी बदल गई। लेकिन किसान अब भी संतुष्ट नहीं था। वह और अमीर बनने की लालसा में था। उसने सोचा, “अगर मैं इस मुर्गी के पेट को काट दूं, तो मुझे सारे सुनहरे अंडे एक साथ मिल जाएंगे।”
अपने लालच में आकर, किसान ने मुर्गी का पेट काट दिया। लेकिन उसे अंडे नहीं मिले, बल्कि उसकी कीमती मुर्गी भी मर गई। अब किसान फिर से गरीब हो गया और उसे अपनी मूर्खता और लालच पर पछतावा हुआ।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच हमेशा बुरा होता है और हमें हमेशा संतोषी और धैर्यवान होना चाहिए।
Inspirational Story 11: नन्हीं मछली की बड़ी सोच
एक गहरे तालाब में बहुत सी मछलियाँ रहती थीं। उनमें से एक नन्हीं मछली थी जिसका नाम मिन्नी था। मिन्नी बहुत छोटी थी, लेकिन उसकी सोच बड़ी थी। वह हमेशा सोचती थी कि तालाब से बाहर की दुनिया कैसी होगी।
एक दिन, मिन्नी ने अपने दोस्तों से कहा, “मैं तालाब से बाहर जाकर दुनिया देखना चाहती हूँ।” सभी मछलियाँ हँसने लगीं और कहने लगीं, “तुम इतनी छोटी हो, तुम बाहर की दुनिया नहीं देख सकतीं।”
लेकिन मिन्नी ने हार नहीं मानी। उसने अपनी छोटी-सी पूँछ हिलाई और तालाब के किनारे पर पहुँच गई। वहाँ एक बड़ा पानी का बहाव था जो तालाब को नदी से जोड़ता था। मिन्नी ने हिम्मत जुटाई और बहाव में छलांग लगा दी। वह नदी में आ गई और वहाँ की सुंदरता देखकर हैरान रह गई।
नदी में मिन्नी ने तरह-तरह की मछलियाँ और अन्य जीव देखे। उसने बहुत सी नई बातें सीखीं और अनुभव किए। थोड़ी देर बाद, वह वापस तालाब में लौटी और अपने दोस्तों को अपनी यात्रा के बारे में बताया। सभी मछलियाँ मिन्नी की हिम्मत और साहस की तारीफ करने लगीं।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें कभी भी अपनी क्षमता पर संदेह नहीं करना चाहिए और नए अनुभवों को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
Inspirational Story 12: दो दोस्तों का सफर
दो दोस्त, राजू और रमेश, एक दिन जंगल की यात्रा पर निकले। उन्होंने तय किया कि वे जंगल में कुछ दिन बिताकर वहाँ की सुंदरता का आनंद लेंगे। उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की और जंगल के रास्तों पर चलने लगे।
चलते-चलते, वे एक गहरी खाई के पास पहुंचे। राजू ने रमेश से कहा, “यह खाई बहुत गहरी है। हमें इसे पार करने के लिए रास्ता खोजना होगा।” दोनों ने मिलकर एक पुल बनाने का फैसला किया।
राजू और रमेश ने अपनी मेहनत और समझदारी से लकड़ी के टुकड़े और रस्सियों का उपयोग करके एक मजबूत पुल बनाया। उन्होंने एक-दूसरे की मदद की और मिलकर खाई को पार कर लिया। खाई के उस पार पहुंचकर दोनों ने खुशी से एक-दूसरे को गले लगाया।
इस यात्रा ने राजू और रमेश को सिखाया कि दोस्ती और सहयोग से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। वे जंगल से लौटते समय अपने अनुभवों को याद करते हुए हँसते और बातें करते रहे।
Inspirational Story 13: किसान का सपना
एक गाँव में एक गरीब किसान रहता था जिसका नाम श्याम था। श्याम के पास बहुत कम जमीन थी, लेकिन उसके पास एक बड़ा सपना था। वह अपने खेत को एक दिन हरा-भरा और फल-फूल से भरपूर देखना चाहता था।
श्याम ने अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करना शुरू किया। उसने अपनी जमीन पर अच्छी फसल उगाने के लिए दिन-रात मेहनत की। लेकिन एक साल, सूखा पड़ गया और उसकी सारी फसल बर्बाद हो गई। श्याम निराश हो गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी।
अगले साल, श्याम ने फिर से मेहनत की और अपनी जमीन को और भी अच्छी तरह से तैयार किया। इस बार, मौसम ने भी उसका साथ दिया और उसकी फसल बहुत अच्छी हुई। श्याम का खेत हरा-भरा हो गया और उसमें तरह-तरह के फल और फूल उगने लगे।
श्याम का सपना सच हो गया और उसने यह सिख लिया कि कठिन परिश्रम और धैर्य से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। गाँव के अन्य किसान भी श्याम से प्रेरित हुए और उन्होंने भी मेहनत करने का संकल्प लिया।
Inspirational Story 14: ईमानदार लड़का
एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत ईमानदार और सच्चा था। एक दिन, जब वह बाजार जा रहा था, उसने रास्ते में एक पर्स पड़ा हुआ देखा। पर्स में बहुत सारे पैसे थे।
अर्जुन ने सोचा, “यह पर्स जरूर किसी का होगा। मुझे इसे लौटाना चाहिए।” उसने पर्स उठाया और गाँव में घोषणा की कि उसने एक पर्स पाया है। थोड़ी देर बाद, एक वृद्ध महिला आई और कहा कि वह पर्स उसका है।
अर्जुन ने महिला से कुछ प्रश्न पूछे और पुष्टि की कि पर्स वास्तव में उसका है। उसने पर्स वापस लौटा दिया। महिला ने अर्जुन को धन्यवाद दिया और कहा, “तुम्हारी ईमानदारी ने मेरा विश्वास बढ़ा दिया है।”
अर्जुन की ईमानदारी की कहानी पूरे गाँव में फैल गई और सभी ने उसकी सराहना की। अर्जुन ने सिखाया कि ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति होती है और सच्चाई की हमेशा जीत होती है।
Inspirational Story 15: सच्ची दोस्ती
एक बार की बात है, एक जंगल में मोर और कबूतर की दोस्ती बहुत प्रसिद्ध थी। दोनों हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे। एक दिन, जंगल में आग लग गई और सभी जानवर इधर-उधर भागने लगे।
मोर ने देखा कि कबूतर आग की चपेट में आ गया है और उड़ नहीं पा रहा है। मोर ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने पंख फैलाए और कबूतर को अपनी पीठ पर बिठाकर सुरक्षित स्थान पर ले आया। कबूतर ने मोर का धन्यवाद किया और कहा, “तुमने मेरी जान बचाई, तुम सच्चे दोस्त हो।”
मोर ने मुस्कुराते हुए कहा, “दोस्ती का मतलब ही एक-दूसरे की मदद करना और साथ रहना है। हम हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे।”
इस प्रकार, मोर और कबूतर की दोस्ती और भी मजबूत हो गई और उन्होंने सभी को सिखाया कि सच्ची दोस्ती हमेशा मुसीबतों में परखी जाती है।
Inspirational Story16: मेहनत का फल
गाँव में एक कुम्हार रहता था जिसका नाम हरीश था। हरीश बहुत मेहनती था और सुंदर-सुंदर मिट्टी के बर्तन बनाता था। एक दिन, राजा ने गाँव में एक प्रतियोगिता आयोजित की जिसमें सबसे सुंदर बर्तन बनाने वाले को पुरस्कार देने की घोषणा की।
हरीश ने पूरी मेहनत से एक सुंदर बर्तन बनाया और प्रतियोगिता में भाग लिया। लेकिन प्रतियोगिता के दिन, उसका बर्तन गलती से टूट गया। हरीश बहुत दुखी हुआ लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने फिर से मेहनत की और एक और बर्तन बनाया, जो पहले से भी अधिक सुंदर था।
इस बार, हरीश का बर्तन सबसे सुंदर चुना गया और उसे पहला पुरस्कार मिला। राजा ने उसकी मेहनत की तारीफ की और कहा, “तुम्हारी मेहनत और धैर्य ने तुम्हें जीत दिलाई है।”
हरीश की कहानी ने सभी को सिखाया कि मेहनत और धैर्य का फल हमेशा मीठा होता है और हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
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