अकबर और बीरबल की कहानी हमेशा से ही मजेदार ओर शिक्षाप्रद रही है। यह कहानियाँ कक्षा 2, कक्षा 3 , कक्षा 4 व 5 के बच्चों के मानसिक विकास के लिए उपयुक्त है ।
बीरबल को एक बहुत बुरा शौक था। वह तम्बाकू चबाना पसंद किया करता था। अकबर बीरबल के इस शौक से प्रसन्न नहीं थे। वह बीरबल के इस प्रकार के किसी भी शौक को पसन्द नहीं करते थे।
एक दिन बादशाह अकबर व बीरबल तम्बाकू के खेत के पास से गुज़र रहे थे। उन्होंने देखा कि एक गधा उस खेत की ओर आया, किन्तु कुछ सूंघकर तुरन्त वापस हो गया।
अकबर ने कहा, “बीरबल, गधा भी तम्बाकू पसंद नहीं करता, उसे देखकर वह भी नाक भौं सिकोड़ता है और पीछे हट जाता है।”
बीरबल समझ गया कि अकबर बीरबल को तम्बाकू चबाने की आदत पर व्यंग कर रहा है।
बीरबल ने अकबर के शब्दों को तोड़-मरोड़ कर जवाब दिया, “महाराज, गधा है तभी तम्बाकू पसंद नहीं करता।.
बादशाह ने बीरबल से कहा, “मैं तुम्हारे शब्दों के हेर-फेर की प्रशंसा करता हूँ परन्तु तम्बाकू चबाना न केवल बुरी आदत है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिये हानिकारक भी है। प्रयत्न करो और इस बुरी आदत को छोड़ दो…। “ अकबर ने आगे कहा, “तुम शब्दों का हेर-फेर करके सच्चाई से मुँह नही मोड़ सकते।” अकबर की इस बात को सुनकर बीरबल ने तम्बाकू छोड़ने का वादा किया।
अकबर और बीरबल की कहानी हमेशा से ही मजेदार ओर शिक्षाप्रद रही है। यह कहानियाँ कक्षा 2, कक्षा 3 , कक्षा 4 व 5 के बच्चों के मानसिक विकास के लिए उपयुक्त है ।