बिल्ली और चूहे की कहानियाँ
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1. बिल्ली और चूहे की दोस्ती
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बिल्ली और चूहा रहते थे। चूहा हमेशा बिल्ली से डरता था क्योंकि बिल्ली उसे पकड़ना चाहती थी। एक दिन, चूहे ने सोचा कि अगर हम दोस्त बन जाएं, तो बिल्ली मुझे कभी नहीं पकड़ेगी।
चूहा हिम्मत जुटाकर बिल्ली के पास गया और बोला, “बिल्ली बहन, हम हमेशा लड़ते रहते हैं। क्यों न हम दोस्त बन जाएं और मिल-जुलकर रहें?”
यह बात सुनकर बिल्ली ने चूहे से कहा अगर मै तुम्हे नहीं खाऊँगी तो क्या खाऊँगी?
यह सुनकर चूहा बोला क्यों परेशान होती हो हम दोनों साथ मिलकर खाना ढूंडा करेंगे तो खाना मिल ही जाया करेगा, मै अपनी तेज नाक के इस्तेमाल से तुम्हारे लिए रोज अच्छा खाना ढूंड लिया करूँगा।
बिल्ली ने सोचा और कहा, “ठीक है, चूहे भाई। अब हम दोस्त हैं।”
दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया कि वे एक-दूसरे की मदद करेंगे। अब चूहा बिल्ली के लिए खाना ढूंढ़ता और बिल्ली चूहे की रक्षा करती। दोनों ने मिलकर एक अच्छा जीवन बिताया और गाँव में सबको यह सीख मिली कि दोस्ती में ही सच्ची ताकत होती है।
बिल्ली और चूहे कहानी की सीख
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की साथ मिलकर कम करने से हमारी परेशानियां जल्दी दूर होती हैं यदि हम साथ काम न करे तो हम लोग आपस में लड़कर ही रह जायेंगे।
2. चतुर चूहा और चालाक बिल्ली
एक दिन, एक बिल्ली ने सोचा कि आज मैं इस चूहे को पकड़कर खा जाऊँगी। उसने एक जाल बनाया और उसमें पनीर रख दिया। चूहे को पनीर की खुशबू आई और वह जाल की ओर बढ़ा।
लेकिन चूहा बहुत चतुर था। उसने सोचा, “यह पनीर यहाँ कैसे आया? जरूर इसमें कोई चाल है।”
चूहे ने ध्यान से देखा और पाया कि यह एक जाल है। उसने पनीर के चारों ओर घूमकर देखा और बिल्ली को छिपते हुए देख लिया। चूहे ने सोचा, “अगर मैं पनीर को बिना पकड़े निकाल लूँ, तो मैं सुरक्षित रह सकता हूँ।”
चूहे ने एक लम्बी लकड़ी उठाई और उससे पनीर को बाहर खींच लिया। बिल्ली ने देखा कि उसका जाल काम नहीं कर रहा है और वह चूहे को पकड़ने के लिए दौड़ी पर वह नाकाम रही।
चतुर चूहे ने अपनी समझदारी से अपनी जान बचाई और पनीर भी खा लिया। इस तरह, चतुराई से हर समस्या का हल निकल सकता है।
चतुर चूहा और चालाक बिल्ली कहानी की सीख
कोई भी चीज़ यदि आसानी से मिल रही होती है तो हमे ह्मेशा ही सतर्क और समझदारी से देख भाल करके उस काम को करना चाहिए।
3. बिल्ली का सपना
एक बार की बात है, एक बिल्ली थी जिसे सपने देखने का बहुत शौक था। हर रात वह सोने से पहले अपनी माँ से कहानियाँ सुनती और फिर सपनों में खो जाती। एक रात, उसने सपना देखा कि वह और चूहा अच्छे दोस्त बन गए हैं और एक साथ खेल रहे हैं।
सुबह उठकर बिल्ली ने सोचा, “क्यों न इस सपने को सच कर दूँ?”
वह चूहे के पास गई और बोली, “चूहे भाई, मैंने एक सपना देखा है जिसमें हम अच्छे दोस्त बन गए हैं। क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?”
चूहे ने थोड़ा सोचा और कहा, “अगर तुम मुझे नहीं पकड़ोगी, तो हम दोस्त बन सकते हैं।”
बिल्ली ने वादा किया और दोनों दोस्त बन गए। अब वे साथ खेलते, खाना ढूंढ़ते और एक-दूसरे का ख्याल रखते थे। पर एक दिन बिल्ली ने मौका देखा और वह चूहे को पकड़ कर खा गई।
बिल्ली का सपना कहानी की सीख
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमारा दुश्मन कभी भी अपना स्वभाव हमेशा के लिए नहीं बदल सकता वह मौका आने पर जरूर हमें नुक्सान पहुचायेगा इसीलिए हमे हमेशा सावधान और सतर्क रहना चाहिए।
4. बिल्ली और चूहे का साहसिक सफर
एक बार की बात है, एक बिल्ली मिन्नी और एक चूहा टिन्नी अच्छे दोस्त थे। एक दिन, उन्होंने एक बड़े साहसिक सफर पर जाने का फैसला किया। वे दोनों मिलकर एक जंगल में जाने का प्लान बनाए।
जंगल में पहुँचकर, मिन्नी और टिन्नी ने बहुत सारी नई चीजें देखीं – रंग-बिरंगे फूल, ऊँचे पेड़, और कई सारे जानवर। अचानक, उनकी नजर एक खजाने के नक्शे पर पड़ी जो एक बड़े पेड़ के नीचे दबा हुआ था।
मिन्नी ने कहा, “चलिए, हम इस खजाने की खोज करते हैं!” टिन्नी ने भी सहमति जताई। दोनों ने मिलकर नक्शे का अध्ययन किया और खजाने की ओर बढ़े। रास्ते में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा – एक नदी को पार करना, कांटेदार झाड़ियों से बचना, और एक गहरी खाई को पार करना।
लेकिन, मिन्नी और टिन्नी ने अपनी समझदारी और दोस्ती की ताकत से सभी मुश्किलों को पार कर लिया। अंत में, उन्होंने एक बड़े पेड़ के नीचे खजाना ढूंढ़ निकाला। खजाने में बहुत सारे सोने के सिक्के, हीरे और मोती थे।
मिन्नी और टिन्नी ने खुशी-खुशी खजाना बाँट लिया और अपने गाँव लौट आए।
बिल्ली और चूहे का साहसिक सफर कहानी की सीख
उनकी साहसिक यात्रा ने उन्हें यह सिखाया कि मिल-जुलकर और साहस से हर कठिनाई का सामना किया जा सकता है।
5. संगीत की जादुई रात
एक बार की बात है, एक गाँव में मिन्नी नाम की एक बिल्ली और टिन्नी नाम का एक चूहा रहते थे। मिन्नी को गाना बहुत पसंद था और टिन्नी को बांसुरी बजाने का शौक था। एक दिन, गाँव में एक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
मिन्नी ने सोचा, “अगर हम दोनों मिलकर प्रतियोगिता में भाग लें, तो हम जरूर जीत सकते हैं।” टिन्नी ने भी यह विचार पसंद किया और दोनों ने मिलकर एक गीत तैयार किया।
प्रतियोगिता की रात, गाँव के सभी लोग एकत्र हुए थे। मिन्नी ने अपनी मीठी आवाज में गाना गाया और टिन्नी ने बांसुरी बजाई। उनके संगीत ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरी रात मिन्नी और टिन्नी का संगीत गूँजता रहा और सभी लोग तालियों की गड़गड़ाहट में खो गए।
अंत में, मिन्नी और टिन्नी को प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया।
संगीत की जादुई रात कहानी की सीख
उनकी टीमवर्क और संगीत की जादुई रात ने सबको यह सिखाया कि दोस्ती और सहयोग से अद्भुत चीजें हासिल की जा सकती हैं।
6. जादुई पंख
एक बार की बात है, मिन्नी चूहा और टिन्नी बिल्ली जंगल में घूम रहे थे। अचानक, उन्हें एक जादुई पंख मिला। पंख को छूते ही मिन्नी और टिन्नी छोटे-छोटे हो गए और उनके शरीर में अजीब सी ऊर्जा भर गई।
पंख ने कहा, “मैं एक जादुई पंख हूँ। तुम्हारे पास तीन इच्छाएँ हैं। जो भी तुम चाहोगे, मैं पूरा कर दूँगा।”
मिन्नी चूहा और टिन्नी बिल्ली ने सोचा और पहली इच्छा मांगी, “हमारे गाँव में हमेशा खुशहाली रहे।” पंख ने चमककर उनकी इच्छा पूरी कर दी। अब उनका गाँव खुशियों से भर गया।
दूसरी इच्छा थी, “हमारे सभी दोस्त सुरक्षित और खुश रहें।” पंख ने फिर से चमककर यह इच्छा भी पूरी कर दी।
अब अंतिम इच्छा थी। मिन्नी ने कहा, “हम अपनी जादुई ताकत से दूसरों की मदद कर सकें।” पंख ने उनकी यह इच्छा भी पूरी कर दी और गायब हो गया।
अब मिन्नी चूहा और टिन्नी बिल्ली अपनी जादुई ताकत से सभी की मदद करते और गाँव में खुशहाली फैलाते।
जादुई पंख कहानी की सीख
उनकी दयालुता और समझदारी ने सबको यह सिखाया कि दूसरों की मदद करना सबसे बड़ा जादू है।
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