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लालच बुरी बला

लालच बुरी बला एक मजेदार ओर शिक्षाप्रद कहानी है जिसे कक्षा 2, कक्षा 3, कक्षा 4 व 5 के बच्चों के लिए उपयुक्त है । यहाँ पर हर कहानी को लिखित के साथ साथ मौखिक रूप से प्रदान किया जाता है , ताकि पढ़ने मे असहज बच्चे भी कहानी का आनंद ले सकें ।

किसी गांव में एक मछुआरा रहता था। वह रोज पास तालाब में मछलियां पकड़ने जाता था, लेकिन दिनभर प्रयास करने पर भी इक्की दुक्की ही मछलियाँ पकड़ पाता था।

उसी तालाब के किनारे लगे वृक्षों पर अनेक बंदर भी रहते थे। वे मछुआरे को मेहनत करते देखते, लेकिन उसे उचित फल न मिलने पर बड़े दुखी होते थे।

एक दिन मछुआरा तालाब में बंसी लटकाकर बैठा था कि उसे गहरी नींद आ गई। तब बंदरों ने अनेक मछलियां पकड़ी और उसकी टोकरी भर दी। काफी देर प्रतीक्षा करने के बाद भी जब मछुआरा नहीं जागा तो बंदरों ने उसे मरा हुआ समझकर उठा लिया और उसे उसके गांव तक पहुंचा आए।

जब मछुआरे की नींद खुली तो स्वयं को गांव में पाकर वह बड़ा उसके आश्चर्य का तब कोई ठिकाना न रहा जब उसने अपनी टोकरी मछलियों में भरी देखी।

फिर उसने सारी बात अपने पड़ोसी मछुआरे को बता दी। तब उसके पड़ोसी को हैरान हुआ। भी लालच आ गया। अगले दिन वह भी उसी तालाब पर मछलियां पकड़ने गया और वैसा ही किया जैसा पहले वाले मछुआरे ने किया था।

बंदरों ने उस पर भी दया करके टोकरी में मछलियां भर दीं।

जब उसे मरा हुआ जानकर ले जाने लगे तो एक खतरनाक मोड़ पर मछुआरा कहने लगा, “ अरे मूर्खो! संभलकर ले चलो कहीं मुझे गिरा न देना।”

बंदरों ने सोचा कि जब कोई मरा हुआ प्राणी बोलता है तब वह ‘भूत’ कहलाता है। शायद यह भी भूत बन गया है। बंदरों के मन में ऐसा विचार आते ही उन्होंने भयभीत होकर उसे छोड़ दिया। उनके छोड़ते ही वह मछुआरा गहरी खाई में गिर पड़ा और मर गया।

कथा-सार

लालच बुरी भला है। यह मनुष्य को अंधा बनाकर उसके प्राणों तक का ग्राहक बन जाता है।

लालच बुरी बला व इसकी जैसी अन्य मजेदार कहानियों क लिए जुड़े रहिए हमसे , हम हर रोज एक नई कहानी आपके लिए लेके आतें है।  हमारी कोशिश रहती है कि हमारी कहानियाँ हर वर्ग के बच्चों व पढ़ने के शौकीन लोगों तक पहुचें।    

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